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आलोचक की बात
आलोचना साहित्य के आस्वाद में भोक्ता की मदद करती है। यह साहित्य के अर्थ-आशय तक भोक्ता की पहुंच को सुगम बनाती है। यह साहित्य के महत्त्व और...

Madhav Hada
Aug 17 min read


परंपरा में रचा-बसा आधुनिक
आज नामवरसिंह जी की जन्मशती की शुरुआत है। प्रस्तुत है उन पर बहुत पहले लिखा हुआ 'साक्षात्कार' में प्रकाशित एक संस्मरणात्मक आलेख । नामवरजी...

Madhav Hada
Jul 2810 min read


मत बिगाड़ो हमारे घरौंदे । आंडाल
आंडाल की रचना नाच्चियार तिरुमोलि के दस पदों का भाव रूपांतर | बनास जन । जनवरी-अप्रैल, 2025 । सं पल्लव | बारह आलावरों में से एक आंडाल...

Madhav Hada
Jul 264 min read
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