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'ढोला मारू रा दूहा' की मारवणी
पुतली ने आकाश चुराया । राजपाल एंड संज़, दिल्ली । 2024 ' ‘ढाला-मारू रा दूहा’ राजस्थान का लोकप्रिय प्रेमाख्यान है। यह आख्यान दूहों के रूप...

Madhav Hada
Aug 1124 min read


आलोचक की बात
आलोचना साहित्य के आस्वाद में भोक्ता की मदद करती है। यह साहित्य के अर्थ-आशय तक भोक्ता की पहुंच को सुगम बनाती है। यह साहित्य के महत्त्व और...

Madhav Hada
Aug 17 min read


परंपरा में रचा-बसा आधुनिक
आज नामवरसिंह जी की जन्मशती की शुरुआत है। प्रस्तुत है उन पर बहुत पहले लिखा हुआ 'साक्षात्कार' में प्रकाशित एक संस्मरणात्मक आलेख । नामवरजी...

Madhav Hada
Jul 2810 min read
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