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मीरां - प्रारंभिकी | Meeran - Prarmbhiki

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मीरां । प्रारंभिकी

सेतु प्रकाशन  प्रा. लि., सी-21, सेक्टर-65, नोएडा- (उत्तर प्रदेश‌) 201301

2023, ISBN: 978-93-95160-78-0 , पृ. 159, मूल्य : ₹ 175

परिचय । introduction

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मध्ययुगीन भक्ति आंदोलन हिंदी कविता का स्वर्ण युग माना जाता है। कविता के इस स्वर्णिम दौर में उत्तर से लेकर दक्षिण तक कुछ ही स्त्रियों का योगदान रहा था। मीरां उन शीर्षस्थों में एक स्वीकृत की जा सकती है।

सोलहवीं शताब्दी की कृष्ण भक्त कवयित्री मीरां ने कृष्ण भक्ति के स्फुट पद लिखे हैं। इनकी रचानाओं में भक्ति के साथ सामंती समाज में स्त्रियों की दशा का भी चित्र मिलता है।

सन्त रैदास इनके गुरु माने जाते हैं। मीरां के पद शताब्दियों से पाठकों और श्रोताओं के आकर्षण का विषय बने हुए हैं। यह पुस्तक उनके जीवन और साहित्य के सभी पक्षों को उद्घाटित करने का प्रयास करती है। यह पाठकों के लिए लाभप्रद होगी- ऐसा हमें विश्वास है।

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